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Tuesday 20 December 2011

फतेहपुर में पुलिस उत्पीड़न की शिकार अर्चना को चाहिए ‘इच्छामृत्यु’


वो कब कहां होती है... किसी को नहीं पता... न रात ठीक से गुज़रती है और न ही दिन। न जाने कौन से शहर में सुबह होगी और कौन से शहर में शाम। वो पुलिस के डर से मारी-मारी फिर रही है। यूपी के फतेहपुर में पुलिस उत्पीड़न का कथित शिकार अर्चना ने राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती प्रतिभा पाटिल से इच्छामुत्यु की गुहार लगाई है। राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी में फतेहपुर की मुराइन टोला की रहने वाली विधवा अर्चना ने साफ कहा है कि दो साल पूर्व पति की मौत के बाद उसे ससुराली जनों द्वारा लगातार परेशान किया जाता रहा है, और तंग आकर वो अपने ससुराल का घर भी छोड़ना पड़ा है।

चिट्ठी के मुताबिक ससुराली जनों से अर्चना का विवाद फतेहपुर की माननीय अदालत में विराराधीन है, लेकिन इधर उसे स्टेट बैंक की कृषि विकास शाखा में हुए एक 60 लाख के एक फर्ज़ीवाड़े में उसे जबरन मुख्य आरोपी बना दिया गया है। अर्चना के मुताबिक इस मामले में ससुराली जनों के प्रार्थना पत्र पर फतेहपुर पुलिस उसे जबरन इस फर्जीवाड़े का मुख्य आरोपी बता रही है। इस मामले में आरोपी बैंककर्मी सचिन वर्मा से उसके टेलिफोनिक संपर्क को आधार बनाया गया है। अर्चना का कहना है ये धोखाधड़ी जिस खाते के ज़रिये हुई है, उसमें परिचयकर्ता मेरे जेठ श्री मनोज कुमार हैं और मामले के आरोपी सचिन वर्मा ससुराली जनों का पारिवारिक मित्र रहा है। 

अर्चना का कहना है कि इस मामले में जांच अधिकारी जे पी यादव इस मामले में 101% जेल भिजवाने की धमकी दे चुके हैं। बातचीत के दौरान जांच अधिकारी जे पी यादव कई बार मुझसे बाहर अकेले में मिलने और ‘शर्ते’ मान लेने पर इस केस में राहत देने की बात भी कह चुके हैं। फर्जीवाड़े के इस मामले में जबरदस्ती मुख्य आरोपी बनाते हुए अर्चना के खिलाफ धारा 409, 419, 420, 467, 468 और 120 बी दर्ज की गई हैं और उसका निलंबन भी करा दिया गया है। अर्चना ने आरोप लगाया है कि जांच अधिकारी ने पहले से ही हेडराइंटिग एक्सपर्ट से बैंक दस्तावेजों की हेडराइंटिंग मिलाने की धमकी दी थी और उन्होंने ऐसा किया भी है। अर्चना का आरोप है कि इन लोगों द्वारा लगातार बेबुनियाद तरीके से उसके चरित्र हनन की भी कोशिश की जाती रही है। राष्ट्रपति से गुहार लगाते हुए अर्चना ने इच्छामुत्यु की इजाजत मांगी है और कहा है कि ससुराली जनों और फतेहपुर पुलिस (जांच अधिकारी श्री जे पी यादव) की मिलीभगत से लगातार रची जा रही साज़िश के बाद वो बेहद आहत है और इंसाफ न मिलने की सूरत में मेरे लिए खुदकुशी के अलावा कोई रास्ता नहीं बच जाएगा।-Published on Tuesday, 20 December 2011 20:23Written by अमर आनंद की रिपोर्ट, Source : bhadas4media

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